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Showing posts from 2019

भारत में मुसलमानों की 100% सच्चाई यही है

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यकीनन मुसलमान आज देश पर बोझ हैं  ..... * * देश में आज मुस्लिमों की आबादी है लगभग 18 % पर इनके इस्लामिक नजरिये और दर्जन भर बच्चे पैदा करने के कारण..... * * प्राईवेट हॉस्पिटल में तो इनकी भर्ती है मात्र 4% पर मुफ्त के सरकारी अस्पतालों में मुस्लिम मरीज हैं लगभग 45% ! * * ये गैर मुस्लिम का खून लेने के लिये तो तुरन्त लेट जाएंगे पर जब देने की बारी आएगी तो आसमानी किताब का हवाला देकर अपने सगों को भी देने से भी पीछे हट जाएंगें ! * * रक्तदान शिविरों में इनकी उपस्थिति लगभग नगण्य ही होती है और अंगदान तो खैर इस्लाम में ही हराम है ! * * पुलिस में ये हैं मात्र 6% पर जेलों में हैं लगभग 32% ! * * ऑलंपिक और एशियाड के व्यक्तिगत-पदक विजेताओं में ये हैं आज लगभग शून्य.... पर अपराधों में ये हैं लगभग 44% ! * * इनकम टैक्स में इनका योगदान है मात्र 3% पर बिजली-पानी चोरी में ये हैं 61% ! * * नई कार खरीदी में ये हैं 6% पर पंचर बनाने जैसे कामों में हैं 67% ! * * समाजसेवा में इनकी महिलाएं हैं सिर्फ 2% पर कुल वेश्याओं में इनकी भागीदारी खैर छोड़िए सब जानते ही हैं  सिमी जैसे द...

हिंदू जब मुसलमान हो जाता है तो कितना घातक होता है?

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Share it bro हिंदू जब मुसलमान हो जाता है तो कितना घातक होता है? एक थे #राघव_राम_कौल काश्मीरी ब्राह्मण.जिनको गौ मांस खिला कर मुसलमान बनाया गया था ! इनके पुत्र का नाम शेख इब्राहीम था। शेख इब्राहीम के पुत्र का नाम शेख अब्दुल्ला ! शेख अब्दूल्ला के पुत्र का नाम फारुक अब्दूल्ला .... फारुक अब्दूल्ला के पुत्र है उमर अब्दूल्ला। ये है राघव राम कौल का अब्दूल्ला परिवार।।जब तक इनकी ताकत थी काश्मीर में इन्होंने भी लोगों के साथ वही व्यवहार किया है, वही नैरेटिव चल रहा था, डोगरा सिंधी कश्मीरी पंडित बाल्मीकि समाज, सब के मांस को नोच नोच कर खाया ,पलायन हत्या से भरा काश्मीर के इतिहास का 70 साल। एक थे चितपावन ब्राह्मण जिनका नाम #तुलसीराम था ! उन्होंने टीपू सुल्तान से बचने के लिए इस्लाम कुबूल कर लिया था और अपने गांव ओवैस को उन्होंने अपना सरनेम ओवैसी बना लिया ! उन्ही तुलसीराम के पुत्र का नाम अब्दुल वाहिद ओवैसी था ! अब्दूल वाहिद के पुत्र का नाम सुल्तान ओवैसी था ! सुल्तान ओवैसी के पुत्र का नाम सलाहुद्दीन ओवैसी था ! सलाहुद्दीन ओवैसी के पुत्र का नाम असद्दुदीन ओवैसी और अकबरूद्दीन ओवैसी। और विडंबना...

प्रभु से हर व्यक्ति की एक ही प्रार्थना होनी चाहिए l जानिए क्या?

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एक छोटी सी प्रार्थना * * हे प्रभु! * मेरे * पैरों * में इतनी * शक्ति * देना कि * दौड़~दौड़ * कर   * आपके दरवाजे * आ सकूँ। मुझे एेसी * सद्बुद्धि *   देना कि * सुबह-शाम * घुटने के बल बैठकर आपको * प्रणाम * कर सकूँ। १०० साल * जीऊँ * या पचास साल यह  आपकी * मर्जी। * मेरी * अर्जी * तो सिर्फ इतनी है कि * जब तक जीऊँ, जिह्वा पर आपका नाम रहे, देने में मेरे हाथ कभी थके नहीं। * * मेरे मालिक! * * प्रेम * से भरी हुई * आँखें * देना, * श्रद्धा * से झुुका हुआ * सिर * देना, * सहयोग * करते हुए * हाथ * देना, * सत्पथ * पर चलते हुए * पाँव * देना और * सिमरण * करता हुआ * मन * देना। * हे प्रभु! * अपने * बच्चों * को अपनी * कृपादृष्टि * देना, * सद्बुद्धि * देना। * 🙏🏻पल पल साथ रहना प्रभु 🙏🏻 *

हनुमान जी के विवाह का रहस्य

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हनुमान जी के विवाह का रहस्य ......... .......... संकट मोचन हनुमान जी के ब्रह्मचारी रूप से तो सब परिचित हैं.. उन्हें बाल ब्रम्हचारी भी कहा जाता है... लेकिन क्या अपने कभी सुना है की हनुमान जी का विवाह भी हुआ था ?? और उनका उनकी पत्नी के साथ एक मंदिर भी है ?? जिसके दर्शन के लिए दूर दूर से लोग आते हैं.. कहा जाता है कि हनुमान जी के उनकी पत्नी के साथ दर्शन करने के बाद घर मे चल रहे पति पत्नी के बीच के सारे तनाव खत्म हो जाते हैं. आन्ध्र प्रदेश के खम्मम जिले में बना हनुमान जी का यह मंदिर काफी मायनों में ख़ास है.. ख़ास इसलिए की यहाँ हनुमान जी अपने ब्रम्हचारी रूप में नहीं बल्कि गृहस्थ रूप में अपनी पत्नी सुवर्चला के साथ विराजमान है. हनुमान जी के सभी भक्त यही मानते आये हैं की वे बाल ब्रह्मचारी थे. और बाल्मीकि, कम्भ, सहित किसी भी रामायण और रामचरित मानस में बालाजी के इसी रूप का वर्णन मिलता है.. लेकिन पराशर संहिता में हनुमान जी केविवाह का उल्लेख है. इसका सबूत है आंध्र प्रदेश के खम्मम ज़िले में बना एक खास मंदिर जो प्रमाण है हनुमान जी की शादी का। ये मंदिर याद दिलाता है रामदूत के उस चरित्र क...

यहां हुआ था हनुमान जी का जन्म ! यही है वो गुफा जहाँ शिव के रुद्रावतार हनुमान जी ने लिया था जन्म !

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हनुमान जी का जन्म – हमारे देश में पवनपुत्र  हनुमान जी के भक्तों की कोई कमी नहीं है. उनके भक्त हर मंगलवार और शनिवार को अपने इस आराध्य की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. हनुमान चालीसा और बजरंग बाण से हनुमान जी की स्तुति करते हैं और अपने सभी कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं. हनुमान जी भगवान शिव के रुद्रअवतार हैं. हनुमान जी की माता का नाम अंजनी है इसलिए उन्हें आंजनेय भी कहा जाता है. जबकि उनके पिता का नाम केसरी है इसलिए उन्हें केसरी नंदन भी कहा जाता है. अगर आप भी हनुमान जी के भक्त हैं तो क्या आप जानते कि आपके इस आराध्य देव का जन्म कहां हुआ था. अगर आपको ये नहीं पता है तो चलिए हम आपको बताते हैं कि हनुमान जी का जन्म भारत के किस क्षेत्र में हुआ था. मान्यता के अनुसार शिव के रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म भारत की पावन भूमि पर ही हुआ था लेकिन भारत में कई ऐसे स्थान है जहां कई जानकारी हनुमान जी के जन्म लेने का दावा करते हैं. 1- गुमला जिला, झारखंड कुछ विद्वानों का मानना है कि हनुमान जी का जन्म झारखंड राज्य के गुमला जिला मुख्यालय से 21 किलोमीटर दूर आंजन गांव की एक गुफा में हुआ थ...

एक राक्षसी को अप्सरा बनाया था.! श्रीराम ने

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हिन्दू धर्म के दो सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाली दो धार्मिक किताब रामायण और महाभारत में सनातन धर्म की ऐसी कई कथाएँ दर्ज की हुई हैं, जो बड़ी दिलचस्प हैं. त्रेता युग में हुई रामायण काल की सम्पूर्ण घटना श्रीराम और उनके चरित्र से जुड़े कई पहलुओं पर लिखी गयी थी. कहा जाता हैं कि श्रीराम भगवान् विष्णु के अवतार थे और उन्होंने ने कई राक्षसों और दैत्यों का उद्धार किया था. ऐसा ही किस्सा एक बार एक राक्षसी के साथ भी हुआ जिसका नाम ताड़का था. त्रेता युग में राक्षसों का बहुत आतंक था. Alok Mishra उस समय ऋषि मुनियों द्वारा संपन्न किये जाने वाले यज्ञ में हमेशा व्यवधान डाल कर उनका यज्ञ कभी पूरा नहीं होने देते थे. राक्षस उनके यज्ञ कुंड में कभी मांस के टुकड़े डाल देते थे या फिर कभी उसमे रक्त फेक देते थे. जब राक्षसों का आतंक बहुत बढ़ गया तो सभी ऋषि मुनि एकत्रित हो कर उस समय के वरिष्ट ऋषि विश्वामित्र के समक्ष अपनी समस्या लेकर पहुचे. उस समय ऋषि विश्वामित्र अयोध्या के प्रमुख ‘राजा दशरथ’ के पुत्र राम और लक्ष्मण को आयुध शिक्षा दे रहे थे. जब सभी ऋषि वहां पहुचे और अपनी व्यथा सुनाई तो उन ऋषियों की बात सुन ...

प्रभु श्रीराम के पुत्र लव ने बसाया था लाहौर! प्राचीन ग्रंथों में लहौर शहर का लवपुर नाम से उल्लेख मिलता है

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ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार लव ने लवपुरी नगर की स्थापना की थी, जो वर्तमान में पाकिस्तान स्थित शहर लाहौर है। यहां के एक किले में लव का एक मंदिर भी बना हुआ है। लवपुरी को बाद में लौहपुरी कहा जाने लगा। दक्षिण-पूर्व एशियाई देश लाओस, थाई नगर लोबपुरी, दोनों ही उनके नाम पर रखे गए स्थान हैं। लाहौर  पुराने  पंजाब  की राजधानी है जो रावी नदी के दाहिने तट पर बसा हुआ है। प्राचीन ग्रंथों में लहौर शहर का  लवपुर  नाम से उल्लेख मिलता है। कहते हैं कि यह लवपुर भगवान श्रीरामचंद्र के पुत्र लव (लोह) ने बसाया था। लाहौर के किले में आज भी प्रभु श्रीराम के पुत्र लव का एक मंदिर विराजमान है। हालांकि मंदिर में पूजा प्रार्थना पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जब भारत आजाद हुआ था तब यहां लगभग 36 प्रतिशत आबादी हिन्दू और सिखों की हुआ करती थी। हालांकि इतिहासकार मानते हैं कि लाहौर को संभवतः ईसवी सन् की शुरुआत में बसाया गया होगा। ईसा की सातवीं शताब्दी में शहर इतना महत्त्वपूर्ण था कि उसका उल्लेख चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने भी किया है। शत्रुंजय के एक अभिलेख में लवपुर या लाहौर को  लामपुर  भ...

कुछ महापुरुषों की जन्म तिथियों के आधार पर जानते हैं कि कितना पुराना है हिन्दू धर्म? जानेंगे तो रह जाएंगे हैरान

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कोई लाखों वर्ष, तो कोई हजारों वर्ष पुराना मानता है हिन्दू धर्म को। लेकिन क्या यह सच है? आओ हम कुछ महापुरुषों की जन्म तिथियों के आधार पर जानते हैं कि कितना पुराना है हिन्दू धर्म? हिन्दू धर्म की पुन: शुरुआत वराह कल्प से होती है। इससे पहले पद्म कल्प, ब्रह्म कल्प, हिरण्य गर्भ कल्प और महत कल्प बीत चुके हैं सम्राट विक्रमादित्य : 2,100 साल पहले हिन्दू धर्म विक्रमादित्य के पिता गंधर्वसेन और बड़े भाई भर्तृहरि थे। कलिकाल के 3,000 वर्ष बीत जाने पर 101 ईसा पूर्व सम्राट विक्रमादित्य का जन्म हुआ। उनके काल में हिन्दू धर्म ने महान ऊंचाइयों को प्राप्त किया था। वे एक ऐतिहासिक पुरुष थे। आचार्य चाणक्य : 2,300 साल पहले हिन्दू धर्म चाणक्य का जन्म ईस्वी पूर्व 371 में हुआ था जबकि उनकी मृत्यु ईस्वी पूर्व 283 में हुई थी। चाणक्य का उल्लेख मुद्राराक्षस, बृहत्कथाकोश, वायुपुराण, मत्स्यपुराण, विष्णुपुराण, बौद्ध ग्रंथ महावंश, जैन पुराण आदि में मिलता है। चाणक्य के समय ही भारत पर सिकंदर का आक्रमण हुआ था। भगवान महावीर स्वामी : 2,650 वर्ष पहले हिन्दू धर्म जैन धर्म के पुनर्संस्थापक महावीर स्वाम...

मुस्लिम आक्रांताओं ने इन 10 हिन्दू मंदिरों को तोड़ा था !

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भारत में 7वीं सदी के प्रारंभ में मुस्लिम आक्रांताओं का आक्रमण प्रारंभ हुआ था। यहां उन्होंने सोना-चांदी आदि दौलत लूटने और इस्लामिक शासन की स्थापना करने के उद्देश्य से आक्रमण किए। 7वीं से लेकर 16वीं सदी तक लगातार हजारों हिन्दू, जैन और बौद्ध मंदिरों को तोड़ा और लूटा गया। उनमें से कुछ ऐसे थे, जो कि विशालतम होने के साथ ही भारतीय अस्मिता, पहचान और सम्मान से जुड़े थे। ऐसे भी कई मंदिरों को हमने इस लिस्ट में शामिल नहीं किया है। फिर भी चुनिंदा मंदिरों के इतिहास के बारे में आपके लिए यहां जानकारी जुटाई गई है मार्तण्ड सूर्य मंदिर, अनंतनाग, कश्मीर कश्मीर घाटी में लगभग 8वीं शताब्दी में बने ऐतिहासिक और विशालकाय मार्तण्ड सूर्य मंदिर को मुस्लिम शासक सिकंदर बुतशिकन (Sikandar Butshikan) ने तुड़वाया था। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार इस मंदिर को कर्कोटा समुदाय के राजा ललितादित्य मुक्तिपाडा ने 725-61 ईस्वी के दौरान बनवाया था। # यह कश्मीर के पुराने मंदिरों में शुमार होता है और श्रीनगर से 60 किलोमीटर दूर दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले में है। यह मंदिर अनंतनाग से पहलगाम के बीच मार्तण्ड...

भगवान शिव के 35 रहस्य , भगवान शिव ने हर काल में लोगों को दर्शन दिए हैं !

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भगवान शिव  अर्थात पार्वती के पति  शंकर  जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है, उनके बारे में यहां प्रस्तुत हैं 35 रहस्य 1. आदिनाथ शिव सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें 'आदिदेव' भी कहा जाता है। 'आदि' का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम 'आदिश' भी है। 2. शिव के अस्त्र-शस्त्र शिव का धनुष पिनाक, चक्र भवरेंदु और सुदर्शन, अस्त्र पाशुपतास्त्र और शस्त्र त्रिशूल है। उक्त सभी का उन्होंने ही निर्माण किया था। 3. शिव का नाग शिव के गले में जो नाग लिपटा रहता है उसका नाम वासुकि है। वासुकि के बड़े भाई का नाम शेषनाग है। 4. शिव की अर्द्धांगिनी शिव की पहली पत्नी सती ने ही अगले जन्म में पार्वती के रूप में जन्म लिया और वही उमा, उर्मि, काली कही गई हैं। 5. शिव के पुत्र शिव के प्रमुख 6 पुत्र हैं- गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, अयप्पा और भूमा। सभी के जन्म की कथा रोचक है। 6. शिव के शिष्य शिव के 7 शिष्य हैं जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर...